Samsung के हाल ही में लॉन्च हुए दो फोल्डेबल स्मार्टफोनSamsung Galaxy Z Flip 7 और Galaxy Z Fold 7 देखने में भले ही एक जैसे लगते हों, लेकिन तकनीकी मोर्चे पर दोनों में अब एक बड़ा फर्क सामने आया है। Galaxy Z Flip 7 अब Google के Linux Terminal App को सपोर्ट करने वाला पहला गैर-पिक्सल (non-Pixel) स्मार्टफोन बन गया है, जबकि Fold 7 इस फीचर से वंचित रह गया है।
क्या है Linux Terminal फीचर और क्यों है खास?
Google ने मार्च 2025 में Android 15 के साथ Linux Terminal फीचर को लॉन्च किया था। इस तकनीक के जरिए यूज़र्स अपने स्मार्टफोन पर ही Debian Linux वर्चुअल मशीन (VM) चला सकते हैं। इससे डेवेलपर्स और तकनीकी यूज़र्स को सीधे अपने फोन पर कमांड लाइन इंटरफेस, प्रोग्रामिंग टूल्स, और अन्य Linux आधारित सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने की सुविधा मिलती है। पहले यह सुविधा सिर्फ Pixel फोनों तक सीमित थी, लेकिन अब Flip 7 ने यह दीवार तोड़ दी है।
Fold 7 क्यों नहीं कर पाया सपोर्ट?
इस तकनीकी अंतर का सबसे बड़ा कारण है दोनों फोन में इस्तेमाल हुआ प्रोसेसर। Galaxy Z Flip 7 में Samsung का खुद का बनाया हुआ Exynos 2500 चिपसेट है, जो non-protected virtual machines को सपोर्ट करता है। यह Linux Terminal जैसे फीचर्स के लिए एक अनिवार्य तकनीकी आवश्यकता है। इसके विपरीत, Galaxy Z Fold 7 में दिया गया Snapdragon 8 Gen 3 ‘Elite’ प्रोसेसर सिर्फ protected VMs को ही सपोर्ट करता है, जो फिलहाल Linux Terminal के साथ कम्पैटिबल नहीं है। यही वजह है कि Flip 7 इस दौड़ में आगे निकल गया है।
Flip 7 में कैसे करें Linux Terminal का इस्तेमाल?
Galaxy Z Flip 7 यूज़र्स को यह सुविधा एक्टिवेट करने के लिए अपने फोन की Developer Settings में जाना होगा। वहां से AVF फीचर को ऑन करने के बाद Google द्वारा ऑफर की जा रही Debian image को डाउनलोड करना होगा। इसके बाद फोन पर ही एक Linux Shell को बूट किया जा सकता है। यह प्रक्रिया तकनीकी जानकार यूज़र्स के लिए काफी आसान है और मोबाइल डिवाइस को एक मिनी-डेवलपमेंट मशीन में बदल देती है।
क्या स्मार्टफोन बन जाएगा Linux कंप्यूटर?
Samsung पहले ही DeX मोड के ज़रिए अपने यूज़र्स को डेस्कटॉप जैसा अनुभव देता रहा है। अब जब Flip 7 में Linux टर्मिनल जैसे फीचर्स उपलब्ध हैं, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि भविष्य में स्मार्टफोन ही एक पूरा Linux कंप्यूटर बन सकता है। अगर इसमें ग्राफिकल इंटरफेस जैसे X11 या Wayland जुड़ जाते हैं, तो यह मोबाइल और कंप्यूटिंग के बीच की सीमाएं लगभग खत्म कर देगा।
निष्कर्ष
Fold 7 का स्क्रीन साइज और मल्टीटास्किंग अनुभव भले ही बेहतरीन हो, लेकिन Flip 7 ने तकनीकी संभावनाओं के मामले में बाज़ी मार ली है। इस खबर से यह भी साफ हो गया है कि आने वाले समय में किसी भी एंड्रॉयड फीचर का इस्तेमाल सिर्फ सॉफ्टवेयर पर नहीं, बल्कि डिवाइस के चिपसेट पर भी निर्भर करेगा। और पढ़ें